व्यक्तिव विकास की कार्यशाला बनी प्रेरणा कोचिंग
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की ओर से संचालित देवकली गांव में बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग शुरू किए हुए छह साल पूरे हो गए। इस उपलक्ष्य में छात्रों ने सोमवार की रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। कोचिंग चलाने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने पुरस्कृत किया।
कुलपति ने कहा कि यह कोचिंग उन बच्चों के लिए वरदान है जो आज की महंगी शिक्षा से वंचित हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा गांव के गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना एक गर्व की बात है। उन्होंने बच्चों के अभिनय को देखकर पांच-पांच सौ रुपये देकर सम्मानित किया। कोचिंग में पढने वाले विद्यार्थियों को जिले में टाप टेन सूची में आने पर छात्रवृत्ति देने की घोषणा की।
एनएसएस के समन्वयक राकेश यादव और विश्वविद्यालय के छात्र अधिष्ठाता प्रो.अजय द्विवेदी ने कोचिंग के संचालन के एक चौथाई खर्च की जिम्मेदारी ली। डॉ. राजकुमार ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में निरन्तर छह वर्ष से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा नि:शुल्क कोचिंग दिया जाना बड़ी उपलब्धि है। प्रेरणा कोचिंग की शुरुआत 2014 में की गई थी। इंजीनियरिंग के 20 छात्र प्राइमरी से लेकर बारहवीं तक के 190 विद्यार्थियों कोचिंग में पढ़ाते हैं। डॉ. मुराद अली एवं डॉ. धीरेन्द्र ने विद्यार्थियों को पुस्तकें और कापी देकर उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, अमित वत्स, डॉ. आलोक दास समेत कई लोग मौजूद रहे।